शुक्रवार, 18 अगस्त 2017

नवजागरण प्रकाशन द्वारा साहित्य समारोह आजोजित
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लाल बिहारी लाल सहित कई साहित्य अनुरागी सम्मानित
*सोनू गुप्ता
नई दिल्ली नवजागरण प्रकाशन दिल्ली द्वारा आयोजित पुस्तक लोकार्पण ,कवि सम्मेलन एवं सम्मान सामारोह का आयोजन गांधी शाति प्रतिष्ठान में किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डा. जौहर सफियाबादी ने किया। अतिथि के रुप में डा. रमा शंकर श्रीवास्तव,डा.अशोक लव डा. कमला जीत सिंह जीनत तथा वरिष्ठ आई.ए.एस.अधिकारी राज कुमार सचान होरी उपस्थित थे। इस अवसर पर केशव मोहन पाण्डेय द्वारा संपादित कृति पंच पल्लव तथा श्री मती मधु त्यागी द्वारा एकल काब्य संग्रह-आह्वाहन का लोकार्पण किया गया।इन दोनो पुस्तकों को नवजागरण प्रकाशन ने प्रकाशित किया है। इस अवसर पर एक ओज पूर्ण भाव भक्ति से परिपूर्ण कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया जिसमें- मिलन सिंह मधुर, असलम जावेद,तरुणा पुंडीर तथा सुजीत कुमार सौरभ ,जलज कुमार मिश्रा,पूजा कौशिक, सोनू पाण्डेय सहित दर्जनों कवियो ने अपनी –अपनी कविताओं से सभी दर्शको का मन मोह लिया। कार्यक्रम के तीसरे पराव पर केशव मोहन पाण्डेय,डा. मनोज तिवारी, मधु त्यागी,शालिनी शर्मा ,मुकेश यादव  को पंच पल्लव सम्मान से तथा वरिष्ठ लेखक,कवि एवं पत्रकार लाल बिहारी लाल को साहित्य सर्जक सम्मान से अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। श्री लाल की भोजपुरी कविता क्रांति बी.आर अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय के स्नातक(बी.ए.) एवं नालंदा ओपेन विश्वविद्यालय के स्नातकोतर(एम.ए.) पाठ्यक्रमों में सम्मिलित है।

 कार्यक्रम का कुशल संचालन विजय प्रकाश भारद्वाज ने किया तथा संयोजन हैलो भोजपुरी के संपादक एंव नव जागरण प्रकाशन के प्रकाशक  राजकुमार अनुरागी का था।अंत में समाजसेवी एवं लेखक दीन बंधु तिवारी ने सभी ने सभी आग्नतुकों को हार्दिक बधाई दी। 


सोमवार, 14 अगस्त 2017

गीत- आजादी का जश्न मनायें लाल बिहारी लाल

गीत- आजादी का जश्न मनायें
लाल बिहारी लाल

आजादी का जस्न मनायें,
आओं मिलकर हम और आप
इसे अच्छून बनायें आज,
आओं मिलकर हम और आप
आजादी का जस्न मनायें.......,

कहीं गोला कहीं बम चले थें
कितनो के ही दम निकले थें
तब भागे अंग्रैज यहाँ से
देखों  कर के बाप रे बाप
आजादी का जस्न मनायें.......,

नियम-कानून सब ध्वस्त हो गये
जो जागे थो वो भी सो गये
जनता कर रही त्राहि-त्राहि
मुक्ति दिलाये गांधी सुभाष.
आजादी का जस्न मनायें.......,

कहा जा रहा देश सोंचे हम
लूट खसोट को करे ध्वस्त हम
औरों के लिए बोये न कांट,
महकाये गुलशन में सुवास
आजादी का जस्न मनायें.......,

कब तक यू. खामोश रहेगे
दुश्मन को भी कुछ न कहेगे
आओं लाल संग बैरी भगाये
मिलकर आज हम और आप
आजादी का जस्न मनायें.......,

सचिव- लाल कला मंच,नई दिल्ली।


मेरा हिन्दुस्तान से रिश्ता जिस्म का जैसे जान से रिश्ता-लाल बिहारी

71 वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर लाल कला मंच ने काब्य गोष्ठी आयोजित किया
मेरा हिन्दुस्तान से रिश्ता जिस्म का जैसे जान से रिश्ता

नई दिल्ली। 71 वें स्वतंत्रता  दिवस के पूर्व संध्या पर लाल कला मंच,नई दिल्ली की ओर से एक ओज कव्य गोष्ठी का आयोजन वरिष्ठ समाजसेवी डा. बी.बी. सिंह की अध्यक्षता में मीठापुर चौक पर संपन्न हुआ। काव्य गोष्ठी की शुरुआत मंच के अध्यक्ष सोनू गुप्ता एंव समाजसेवी का. जगदीश चंद्र शर्मा तथा डा.बी.बी. सिंह के दीप प्रज्जवलन से हुआ। इसके बाद इसे आगे बढ़ाया संस्था के संस्थापक सचिव लाल बिहारी लाल ने लघु सरस्वति वंदना से  ऐसा माँ वर दे ,विद्या के संग.संग सुख समृद्धि से सबको भर दे। इसे आगे बढाया युवा कवि सिद्धांत कुमार ने अपनी कविताओं से। जय प्रकाश गौतम ने कहा-
 
कभी तो याद हमको भी कर लो जमाने में।
नहीं पिछे हटे हम वतन पे जां लुटाने में।।


के.पी. सिंह कुंवरमास्टर नानक चंद ने ओज की कवितायें पढ़ी। असलम जावेद ने कहा कि-
ह बता दे कोई जाकर चीनो पाकिस्तान को।
आंख उठाकर देख ना ले मेरे हिंदुस्तान को ।।
    रवि शंकर,कृपा शंकर तथा गिरीराग गिरीश ने भी अपनी बात ओज पूर्ण तरीके से रखी।  । लाल बिहारी लाल ने कहा कि-

मेरा हिन्दुस्तान से रिश्ता । जिस्म का जैसे जान से रिश्ता।। सुरेश मिश्र ने देश में स्वतंत्रत्रता की अभिब्यक्ति पर तंज कसा तो काजल चौबे ने अपनी बात कविता के माध्यम से समसायमयिक सैनिको के हालात पर कही। वही संचालन कर रहे शिव प्रभाकर ओझा ने भी देश में हो रहे विभिनिन वर्गों ,जाति ,धर्मों में हो रहो भेद भाव को मिटाने की बात पर बल देते हुए कहा कि-इच्छा सबकी बढ़ रही है,सोंच घटती जा रही है। वही  धुरेन्ध्रर राय ने लाल बिहारी लाल की प्रसिद्ध रचना कण-कण में महके चंदन सुना कर सबका मन मोह लिय़ा।
       इस अवसर पर का.जगदीश शर्मा ने कहा कि आजादी सही मायने में तभी संभव हो जब सम्पूर्ण समाज भयमुक्त होकर एक साथ रहे। वही अध्यक्षता कर रहे ड़ा.बी.बी. सिंह ने कहा कि सभी को एक साथ लेकर चलने का नाम ही भारत है। यह आज भी भारत के विकास के लिए जरुरी है।
 इस अवसर पर समाजसेवी लोकनाथ शुक्ला,राजेन्द्र  अग्रवाल,मलखान सैफी, अशोक कुमार,राजेन्द्र प्रसाद आदि मौयूद थे। अंत में संस्था के अध्यक्ष सोनू गुप्ता ने आये हुए सभी कवियों एंव आगन्तुकों को 71 वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ धन्यवाद दिया।


प्रस्तुति-सोनू गुप्ता