सोमवार, 12 जून 2017

एसीड एटैक पर अधारित उपन्यास लव या औबसेसन का लोकार्पण

एसीड एटैक पर अधारित उपन्यास लव या औबसेसन( Love or Obsession) का लोकार्पण
लाल बिहारी लाल
नई दिल्ली। गांधी शांति प्रतिष्ठान, नई दिल्ली में डॉ. आशीष तंवर द्वारा लिखित और अनुराधा प्रकाशन, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित एसिड एटैक पर आधारित अंग्रेजी उपन्यास लभ या औबसेसन LOVE OR OBSESSION” का लोकार्पण मुख्य अतिथि सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधिपति श्री अनिल दवे, एसिड अटैक पीड़ितों को सहारा देने वाली संस्था छांवके संस्थापक श्री आलोक दीक्षित समाज सेविका तथा अनुराधा प्रकाशन की संरक्षक श्रीमती कविता मल्होत्रा, पाक्षिक पत्रिका उत्कर्ष मेल और अनुराधा प्रकाशन के प्रकाशक एवं संपादक श्री मनमोहन शर्मा शरणद्वारा लेखक- डॉ. आशीष तंवर की उपस्थिति में किया गया ।
     इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधिपति और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के सेवानिवृत्त अध्यक्ष माननीय न्यायमूर्ति श्री अनिल दवे ने उपन्यास में उठाई गई एसिड अटैक पीड़ितों के  शारीरिक, मानसिक, सामाजिक उत्पीड़न की गंभीर समस्या और प्रेम और वासना पर अपने विचार व्यक्त किए और युवाओं से प्रेम में त्याग की भावना को समझने और महिलाओं का सम्मान करने पर बल दिया।  वही छांवके संस्थापक श्री आलोक दीक्षित ने विशेष अतिथि के रूप कहा कि अब परिस्थितिया बदल रही सरकार पहले से सख्त कानून बनाया है। पहले पीड़ित का समाज मे उपेक्षा होती थी पर अब धीरे-धीरे सम्मान बढ़ रहा है।इस अवसर परमाननीय न्यायाधिपति श्री अनिल दवे की धर्मपत्नी श्रीमती मीना दवे,समाज सेविका तथा अनुराधा प्रकाशन की संरक्षक श्रीमती कविता मल्होत्रा, पाक्षिक पत्रिका उत्कर्ष मेल और अनुराधा प्रकाशन के प्रकाशक एवं संपादक श्री मनमोहन शर्मा शरण”,दिल्ली विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. विक्रम चोपड़ा,उपन्यासकार एवं अनुवादक श्री अशोक चावला, लेखक एवं पत्रकार लाल बिहारी लाल सहित अनेक गणमान्य साहित्यकार एवं समाजसेवियों के साथ-साथ,“छांवसंस्था द्वारा संचालित शिरोज हैंग आउट आगरा से दो एसिड पीड़ित सुश्री रुकैया और मधु उपस्थित थे। मंच का संचालन युवा लेखक और कलाकार श्री गौरव चावला ने किया। मनमोहन शर्मा ने माननीय मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि तथा कार्यक्रम में पधारे सभी महानुभावों का आभार प्रकट किया और बताया कि इस उपन्यास की बिक्री का 20%हिस्सा एसिड अटैक पीड़ितों को सहारा देने वाली संस्था को प्रदान किया जाएगा।




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