बुधवार, 30 सितंबर 2015

लाल कला मंच नें शहीदे-आजम भगत सिंह की 109वीं जयंती काब्यगोष्ठी के रुप में मनाई

लाल कला मंच नें शहीदे-आजम भगत सिंह की 109वीं जयंती काब्यगोष्ठी के रुप में  मनाई
लाल बिहारी लाल
नई दिल्ली। लाल कला मंच,नई दिल्ली की ओर से शहीदे-आजम भगत सिंह की 109वीं जयंती काब्यगोष्ठी के रुप में मीठापुर चौक पर  मनाई गई। कार्यक्रम का आगाज समाजसेवी  संस्था के सचिव लाल बिहारी लाल के सरस्वती वंदना-ऐसा माँ वर देविद्या के संग-संगसुख समृद्धि सेसबको भर दे से हुई। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता  वरिष्ठ समाजसेवी एवं बल्लवगढ़ काँलेज के पूर्व प्राचार्य डा. हवलदार शास्त्री ने किया तथा का. जगदीशचंद्र शर्मा के अतिथ्य में समपन्न हुआ । इसमें वंदना के बाद सुरेश मिश्र अपराधी ने भगत सिंह के ब्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनमें देशभक्ति के साथ-साथ समाजिकता का फूट था वही वे आजादी के बाद देश की स्थिति पर भी खाका खींचकर काम किया इसलिए अल्पआयु में ही भारत सहित नेपाल,वर्मा, बंगलादेश,श्रीलेका आदी में भी लोकप्रिय हो गये।इस कड़ी को आगे बढाया,भवानी शेकर शुक्ला तथा  के.पी. सिंह कूँवर ने औऱ कहा-
                मैं कहूंगी नहीं मुझको जागीर दो,फिर भी तोहफा नया कुछ वीर दो।
                मैंने बांधी है राखी कलाई पर जो मेने उस राखी के बदले काश्मीर दो।।
मा. गिरीराज किशोर,मा. रविशंकर,मा. कृपा शंकर  नें भी इसे आजे बढ़ाया जबकि सुरेश मिश्र अपराधी ने कहा-  माँ आजादी मेरी जिन्दगी है...वही चाह वही राह वही मन वसी है..संस्था के सचिव एवं कवि  लाल बिहारी लाल ने कहा- आजादी के बाद नेता आजकल भटक गये है इस पर झाड़ू कविता सुनाया- कभी नोट कभी दारू में जनता अब उलझी झाड़ू मे.....  ,आकाश पागल, मलखान सैफी सहित कई कवियों ने हिस्सा   लिया। का. जगदीशचंद्र शर्मा ने कहा कि भगत सिंह  की सोंच दूरदर्शी थी वही अध्यक्षता कर रहे शास्त्री जी ने कहा कि आज आजादी के बाद लोग देश और समाज के लिए कम सोंच रहे है अतः जरुरी है कि समाजिक जागरुकता विभिन्न माध्यमों से लाया जाये ताकि देश की दशा एवं दिशा को सुधारा जा सके। 
      इस अवसर पर क्षेत्र के कई गन्यमान्य भी मौयूद थे उनमें-, लोकनाथ शुक्ला, महेश बछराज, भगत सिंह ,राम सागर गुप्ता,जे.पी. शर्मा, राज नंन्द प्रसाद मलखान सैफी, पत्रकार सुमन ओझा आदी सहित दर्जनों लोगं ने कवियों के कविताओं का आनंद उठाया।, अंत में संस्था के अध्यक्ष सोनू गुप्ता ने  सभी कवियों एवं आगन्तुकों को धन्यवाद दिया। 










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