मंगलवार, 16 सितंबर 2014

मोदी का तिलिस्म कम हुआ-लाल बिहारी लाल
नई दिल्ली। वर्ष 2014 के 16 वीं लोक सभा चुनाव में अच्छे दिन आयेगे और अबकी बार मोदी सरकार के दो  जुमले काफी  लोकप्रिय हुये थे और जनता तत्कालिन वर्तमान सरकार से काफी नराज थी। नतीजतन देश में भाजपा को बहुमत मिला और मोदी की सरकार बनी और जनता तभी से अच्छे दिनो की आश लगाये बैठी हुई है । परंतु पंजाब ,उतराखंड, बिहार और अब उ.प्र. ,राजस्थान,एवं गुजरात आदी राज्यों के उपचुनाव के परिणाण देखते हुए  लगता है कि जनता मोदी सरकार को वादों पर खडी नहीं मान रही है। क्योंकि  देश में महंगाई, बे-रोजगारी एवं भ्रष्टाचार रुपी तीन महादानव आज भी जस के तस मौयूद हैं।

    मोदी सरकार ने पिछले दिनों 100 दिन पूरे किये पर इन 100 दिनों में कोई खास उपलब्धि भी नहीं रही। यहां तक कि इन 100 दिनो में मोदी मंत्रीमंडल के 15 ऐसे मंत्री है जो अपना विभागो का खांचा तक नही खींच सके जिनका मोदी जी ने क्लास  भी लिया है। उप चुनावों के नतीजो को देखकर तो यही कहा जा सकता है कि अब मोदी का तिलिस्म कम हो रहा है।  
लाल बिहारी लाल,नई दिल्ली

रविवार, 14 सितंबर 2014

ये है समाजसेवी नरसिंह शाह द्वारा आयोजित बदरपुर क्क्भाषेत्षेर में टंकी रोड पर भागव वत कथा में भागवत प्रेमियो द्वारा कथा का आनंद लेते हुए मनमोहक दृश्य कैद किया है लाल कला मंच के सचिव लाल बिहारी लाल ने।दिनांक 14/9/14 संध्या।


गुरुवार, 4 सितंबर 2014

संत साहित्य की पहली संगोष्ठी समपन्न

 संत साहित्य की पहली  संगोष्ठी समपन्न

लाल बिहारी लाल
फरीदाबाद। संत साहित्य की पहली  संगोष्ठी  इसके अध्यक्ष डा. वलदेव बंशी के निवास पर इन्ही की अध्यक्षता में  फरीदाबाद में समपन्न हुई। इस गोष्ठी में दिल्ली एवं फरीदाबाद के कई कवियो ने हिस्सा लिया। इस गोष्ठी की शुरुआत अजय अक्श के गजल से हुई-बेटी के हाथ पीले तो हो गये मगर,मां के बदन से जितने थे गहने उतर गये। वही आशमा कौल ने बच्चो की मासूम हंसी पर कहा-क्या तुमने किसी/ बच्चे की हंसी सुनी है/दिल से निकली हंसी,दुआ –सी होती है।  इस गोष्ठी को आगे बढाया जय प्रकाश गौतम ने भक्ति रस से । हबीब सैफी ने कहा कि मिजाज अपना बदलना चाहती है /अना मेरी पिघलनी चाहिये। नागेश चंद्रा तथा वीरेन्द्र कमर ने अपनी-अपनी रचनाओं से इसे औऱ रवानगी दी। वही विजय एरोडा ने कहा कि आज रिश्ता स्वेटर के धागो की तरह हो गये है एक उधडा तो सारा बिखड गया । ज्योति जंग ने भी प्रकृति पर कविता सुनाया लाल कला मंच के सचिव लाल बिहारी लाल ने दोहा के माध्यम से भ्रुण हत्या पर कहा कि- आबादी निश-दिन बडे,लडकी कम पर होय़।देशहित समाज में यह अदभूत संकट होय।। अब्दूल रहमान मंसुर ने भी समाजिक सरोकार की कवितायें सुनाई इसके आलावें शिव प्रभाकर ओझा ने भी भक्ति रस सराबोर कविता पाठ किया। वही हरेराम समीप ने नदियो की दशा एवं दिशा पर ब्यंग्य करते हुए कहा कि- लगता है इस वक्त के नहीं इरादे नेक।नदी सुखाने वास्ते हुये किनारे एक।। गोष्ठी के समापन के बाद डा वंशी ने सभी को धन्यवाद दिया. 


सोमवार, 1 सितंबर 2014

लाल कला मंच नें मुंशी प्रेमचंद की जयंती काब्यगोष्ठी के रुप में मनाई

 लाल कला मंच नें मुंशी प्रेमचंद की जयंती काब्यगोष्ठी के रुप में  मनाई
सोनू गुप्ता

फरीदाबाद। लाल कला मंच,नई दिल्ली की ओर से मुंशी प्रेमचंद की जयंती काब्यगोष्ठी के रुप में फरीदाबाद के अशोका इंन्केलेव में मनाई गई। कार्यक्रम का आगाज संस्था के सचिव लाल बिहारी लाल के सरस्वती वंदना-ऐसा माँ वर दे, विद्या के संग-संग, सुख समृद्धि से, सबको भर दे से हुई। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डा.बलदेव वंशी ने किया । इसमें दिल्ली एवं फरीदाबाद के अनेक कवियो एवं साहित्यकारों ने हिस्सा लिया। इनमें अजय अक्श,विरेन्द्र कमर, आशमा कौल,लाल बिहारी लाल, जय प्रकाश गौतम,शिव प्रभाकर ओझा,विजय अरोडा,हरेराम समीप,अब्दूल रहमान मंशूर,हबीब सैफी,ज्योति संग,नागेश चंद्रा  सहित कई कवियों ने हिस्सा लिया। अंत में संस्था के सचिव लाल बिहारी लाल ने सभी कवियों को धन्यवाद दिया।